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गर्मी के प्रभाव को देखते हुए यूपी के अस्पतालों को एलर्ट जारीराजधानी में दस हजार से अधिक मरीजों की प्रतिदिन की ओपीडी

गर्मी के प्रभाव को देखते हुए यूपी के अस्पतालों को एलर्ट जारी
राजधानी में दस हजार से अधिक मरीजों की प्रतिदिन की ओपीडी

लखनऊ(आरएनएस )। प्रदेश के सभी चिकित्साधिकारियों को एलर्ट मोड में कार्य करने के निर्देश जारी कर दिये गये हैं। गर्मी के मौसम में होने वाली बीमारियों से बचाव एवं रोकथाम की तैयारियां को चुस्त दुरूस्त रखने के निर्देश दिये गये हैं। गुरूवार डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश जारी करते हुए कहा कि आमजन को इन बीमारियों और इनके बचाव के लिए भी जागरूक किया जाए और समय-समय पर जागरूकता अभियानों का संचालन किया जाए।
उन्होंने कहा कि अस्पतालों में दवाओं की कमी न होने दें,चिकित्सकों के ड्यूटी चार्ज को भी अप टू डेट करें। मौसम विभाग के पूवार्नुमान को देखते हुए प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। डिप्टी सीएम ने सभी चिकित्सा अफसरों को निर्देशित कर अस्पतालों में गर्मी से बचाव से संबंधित सभी तैयारियों को पूरा करने को निर्देशित किया। साथ ही उन्होंने हीट वेव को लेकर भी सतर्कता बरतने और जमीनी स्तर पर गर्मी से होने वाली बीमारियों के आंकड़े जुटाएं।
उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष को लेकर तुलनात्मक अध्ययन करें। मौसम विभाग के अलर्ट के आधार पर अपनी तैयारी सुनिश्चित करें। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि केंद्र से आने वाले दिशा-निदेर्शों का भी पूर्णता पालन करें। आमजन के लिए अस्पतालों में आवश्यक दवाएं, इन्ट्रावेनस तरल पदार्थों, आइस-पैक, ओआरएस, पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चत की जाए।
सतर्कता अपनाएं,घबराये नहीं....
डिप्टी सीएम का कहना है कि बहुत जरूरी कार्य होने पर ही घर, दफ्तर या अपने प्रतिष्ठान से बाहर निकलें, गर्मी से घबराएं नहीं, सतर्क रहें। डिहाइड्रेशन से बचने के लिए नियमित अंतराल पर पानी पीते रहें। घर के बुजुर्गों, बच्चों और गर्भवती महिलाओं का विशेष ध्यान रखें।
गर्मी के प्रभाव के जानें लक्षण..
इसमें गर्मी लगने के गंभीर लक्षणों की बात करें तो बेहोशी, तेजी से सांस लेना, पसीना ना आना, गहरे रंग का पेशाब, तेज दिल की धड़कन, आठ घंटे से अधिक समय तक पेशाब न आने की स्थिति में तुरंत मेडिकल सहायता लें। गीले तौलिए को सिर, गर्दन, बगल और कमर की त्वचा पर लगाएं। ओआरएस का घोल, ग्लूकोज लेते रहें। घर पर एक इमरजेंसी किट रखें। घर को ठंडा रखें। राजधानी के चिकित्सा संस्थानों में प्रतिदिन की ओपीडी में दूर दराज से आने वाले मरीजों का रिकार्ड..
जिसमें प्रदेश 786 बेड वाले बलरामपुर अस्पताल ने आभा एप मरीजों के पंजीकरण में देश स्तर पर पांचवा स्थान और प्रदेश में तीसरा स्थान प्राप्त कर लिया है। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ.एनबी सिंह ने बताया कि गुरूवार की ओपीडी में करीब 32 सौ मरीजों को देखा गया। उन्होंने कहा कि मरीजों को किसी तरह क ी असुविधा न हो इसके लिए निरंतर तत्परता बरती जा रही है। इसी क्रम में 443 बेड वाला सिविल अस्पताल सीएमएस डॉ.राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि 2265 मरीजों को  देखा गया। और 325 बेड वाला लोकबन्धु अस्पताल सीएमएस डॉ.राजीव दिक्षित ने बताया कि लगभभ 2 हजार मरीजों की ओपीडी रही। जिसमें 1325 बेड वाला आरएमएल मीडिया प्रभारी डॉ.एपी जैन ने बताया कि करीब 3555 मरीजों की ओपीडी रही।

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